प्रतीप अलंकार की परिभाषा और उदाहरण
इस लेख में हम प्रतीप अलंकार के बारे में समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं, प्रतीप का अर्थ होता है उल्टा अथवा विपरीत। प्रतीप अलंकार की परिभाषा तथा प्रतीप अलंकार के उदाहरण के बारे में समझने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
प्रतीप अलंकार की परिभाषा
ऐसा अलंकार जहाँ पर उपमा के अंगों में उलटफेर किया जाता है अर्थात उपमेय को उपमान के बराबर न मानकर उपमान को ही उपमेय मान लिया जाता है वहाँ पर प्रतीप अलंकार होता है।
प्रतीप अलंकार के उदाहरण
बिदा किये बहु विनय करि, फिरे पाइ मनकाम।
उतरि नहाये जमुन-जल, जो शरीर सम स्याम।।
उपर्युक्त दिए गए काव्य में श्यामल शरीर की तुलना यमुना नदी के नीले पानी से हो रही है परन्तु यहाँ पर श्री राम जी के श्यामल शरीर के जैसा ही यमुना नदी का पानी वताया जा रहा है अतः यह एक प्रतीप अलंकार का उदाहरण है।
गर्व कर रघुनन्दन जिन मन माह ।
देखउ आपनि मूरति सिय के छाँह ॥
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