रोला छन्द की परिभाषा एवं उदाहरण


रोला छन्द हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण छन्द है यह छन्द दोहा छन्द का विपरीत छन्द होता है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में पढ़ेंगे। इस लेख में आप रोला छन्द की परिभाषा तथा रोला छन्द के उदाहरण के बारे में पढ़ने वाले हैं।

रोला छन्द की परिभाषा

रोला छन्द एक सम मात्रिक छन्द है। रोला छन्द चार पंक्तियों वाला छन्द होता है तथा 11 और 13 मात्राओं के आठ चरण होते हैं तथा प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ होती हैं। इसके प्रत्येक चरण में 11 तथा 13 मात्राओ पर विराम होता है। रोला छन्द दोहा छन्द का विपरीत छन्द होता है। चूंकि इसके प्रत्येक चरण में समान मात्राएँ होती हैं इसलिए इसे सम मात्रिक छन्द कहते हैं।

रोला छन्द तथा सोरठा छन्द में एक अंतर पाया जाता है, रोला छन्द सम मात्रिक छन्द होता है जबकि सोरठा छन्द अर्द्ध सम मात्रिक छन्द होता है।

रोला छन्द के उदाहरण

उठो–उठो हे वीर, आज तुम निद्रा त्यागो।

करो महा संग्राम, नहीं कायर हो भागो।।

तुम्हें वरेगी विजय, अरे यह निश्चय जानो।

भारत के दिन लौट, आयगे मेरी मानो।।

नीलाम्बर परिधान, हरित पट पर सुन्दर है।

सूर्य चन्द्र युग-मुकुट मेखला रत्नाकर है।

नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारे मंडन है।

बंदी जन खग-वृन्द, शेष फन सिंहासन है।”

उपर्युक्त दिए गए उदाहरणों में चार पंक्तियों के छन्द का प्रयोग हुआ है इसके प्रत्येक चरण में 11 तथा 13 मात्राओ के बाद विराम ( यति ) होता है। अतः यह रोला छन्द का उदाहरण हैं।

इस लेख में आपको रोला छन्द के बारे में पूरी जानकारी दी गई है यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *