संबंध कारक की परिभाषा एवं उदाहरण


कारक हिंदी व्याकरण के सबसे महत्वपूर्ण भाग में से एक है तथा संबंध कारक भी कारक के सबसे महत्वपूर्ण भेदों में से एक है अतः इस लेख में हम संबंध कारक की परिभाषा तथा संबंध कारक के उदाहरण के बारे में विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे।

संबंध कारक की परिभाषा 

ऐसे कारक जिनसे किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ किसी तरह के संबंध होने के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, ऐसे कारक को संबंध कारक कहते हैं।

 इस सम्बंध कारक की विभक्ति ‘रा’, ‘रे’, ‘री’,‘का’, ‘की’, ‘के’, ‘ना ‘ और ‘नी ‘ इत्यादि होती हैं।

संबंध कारक के उदाहरण

वह राजू का भाई है।

दिए गए इस वाक्य में वह तथा राज दोनों ही संज्ञा है और राजू का गांव के साथ संबंध बताया जा रहा है। जब भी किसी संज्ञा का किसी अन्य संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ संबंध की चर्चा होती है वहा पर संबंध कारक होता है। 

राजेश का लड़का छोटा है।

उपर्युक्त दिए गए वाक्य में राजेश तथा उसका लड़का संज्ञा के रूप में प्रयोग किए गए हैं तथा का विभक्ति के द्वारा लड़के का संबंध राजेश के साथ स्पष्ट हो रहा है अतः यह संबंध कारक का उदाहरण है।

राधा के पिता मास्टर हैं।

इस वाक्य में राधा तथा उसके पिता संज्ञा है तथा के विभक्ति के द्वारा एक संज्ञा से दूसरे संज्ञा के साथ संबंध को स्पष्ट किया जा रहा है अतः यह संबंध कारक का एक उदाहरण है।

वह अंकुश की किताब है।

उपर्युक्त दिए गए वाक्य में अंकुश और किताब दो संज्ञाओ का प्रयोग किया गया है जिसमें से अंकुश का किताब से की विभक्ति के द्वारा संबंध के बारे में बताया जा रहा है अतः इसमे संबंध कारक है।

वह आकांक्षा का घर है।

ऊपर दिए गए इस वाक्य में आकांक्षा तथा उसके घर के बारे में का विभक्ति के द्वारा जानकारी दी जा रही है जोकि संबंध कारक के अंतर्गत आएगा।

संबंध कारक के अन्य उदाहरण

  • वह विशाल का छोटा भाई है।
  • उसने राजेश के सामान को ले लिया।
  • विकास अंजलि का भाई है।
  • राम दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे।
  • भरत राम के भाई थे।
  • वह राहुल की कार है।
  • गांव में रोहन का बड़ा घर है।
  • विजय राम का पिता है।

इस लेख में हमने संबंध कारक को उदाहरण के द्वारा समझाने का प्रयास किया है यदि आपको यह लेख पसंद आता है तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *